अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी है। रूस के इस फैसले से यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की पश्चिम देशों की आशंका के बीच तनाव और बढ़ेगा। राष्ट्रपति की सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद पुतिन ने यह घोषणा की और इसी के साथ मॉस्को समर्थित विद्रोहियों और यूक्रेनी बलों के बीच संघर्ष के लिए रूस के खुलकर बल और हथियार भेजने का रास्ता साफ हो गया है। पुतिन के इस फैसले की अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया जैसा देशों ने निंदा की है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक शुरू हो चुकी है। पश्चिमी देशों को इस बात का डर है कि रूस किसी भी समय यूक्रेन पर हमला कर सकता है और वह पूर्वी यूक्रेन में झड़पों को हमला करने के लिए बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है। यूक्रेन संकट पर पल-पल के अपडेट्स जानने के लिए लाइव हिन्दुस्तान के साथ बने रहें।
साउथ कोरिया के राष्ट्रपति ने किया यूक्रेन का समर्थन
रूस और यूक्रेन के बीच के तनाव को लेकर साउथ कोरिया ने कहा कि वह यूक्रेन की प्रभुता और अखंडता का समर्थन करते हैं इस तरह से रूस का कदम उठाना गलत है। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक अगर तनाव जारी रहा तो आर्थिक अस्थिरता भी आ सकती है।
यूक्रेन के इन दो प्रांतों में रूस बना सकता है मिलटरी बेस
यूक्रेन के दो अलगाववादी प्रांतों पर कब्जा करने के बाद अब रूस
यहां मिलिटरी बेस बना सकताहै। रूस की संसद के सामने व्लादिमीर पुतिन ने दस्तावेज पेश किए और कहा कि यह उनका अधिकार है कि वह दो प्रांतों में सैन्या छावनियां बनाएं।
क्या है मिन्स्क समझौता
यूक्रेन और रूस में शांति बहाल करने के लिए 2014 में एक समझौता किया गया था। बेलारूस की राजधानी में यह समझौता हुआ था। रूसी समर्थकों ने यूक्रेन के क्रमिया पर हमला कर दिया था। कई दिनों के संघर्ष के बाद रूस ने क्रीमिया को अपने देश में मिला लिया। इस संघर्ष को शांत कराने के लिए मिन्स्क समझौता हुआ जिसमें कैदियों की रिहाई और हथियारों के वापसी की बात थी। हालांकि दोनों देशों ने इस समझौते का पालन नहीं किया। इसके बाद मिन्स्क का दूसरा समझौता हुआ जिसमें 13 बिंदु शामिल थे।
नहीं बदली जा सकती अंतरराष्ट्रीय सीमा- यूक्रेन
UNSC की बैठक में यूक्रेन ने कहा कि उनकी अंतरराष्ट्रीय सीमा अपरिवर्तनीय है। यूक्रेन ने कहा कि रूस का यह कदम वायरस की तरह है। यूक्रेन ने कहा कि इस तरह के काम हमेशा रूस ने ही शुरू किए हैं।
कब्जे का ऐलान कर क्या फंस गए पुतिन?
रूस ने यूक्रेन के दो प्रांतों पर 'कब्जे' का ऐलान तो कर दिया लेकिन इसके बाद उनके लिए ही मुश्किलें खड़ी हो रही हैं। रूस के ऐलान के बाद अमेरिका और अन्य कई पश्चिमी देश ऐक्शन में आ गए हैं। अमेरिका समेत कई देशों ने इस कदम की निंदा की। फ्रांस और जर्मनी भी इस बात पर सहमत है कि इसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
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